अर्थ : हिंदुओं के चार वर्णों में से पहले वर्ण का मनुष्य।
उदाहरण :
पंडित श्याम नारायण एक श्रेष्ठ ब्राह्मण हैं।
आज का ब्राह्मण अपने कर्म से विचलित होता जा रहा है।
ब्राह्मणों की उत्पत्ति अग्नि से मानी गई है।
पर्यायवाची : अनलमुख, आग्नेय, इरेश, त्रयीमुख, द्विज, द्विजपति, द्विजाति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, नृदेव, नृदेवता, पंडित, बाम्हन, ब्रह्मण, भू-देव, भू-देवता, भू-सुर, भूदेव, भूदेवता, भूमिदेव, भूसुर, महिदेव, माहन, माहनीय, मैत्र, योगचक्षु, लहेर, वर्णज्येष्ठ, विप्र, वेदगर्भ, वेदाधिदेव, शिखी, सावित्र
अर्थ : वेद का व्याख्या वाला वह खण्ड जो गद्य में है एवं जिसमें कर्मकाण्डों की व्याख्या की गयी है।
उदाहरण :
हर वेद के एक या एक से अधिक ब्राह्मण हैं।